Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध :- प्रदूषण का नाम सुनते ही हमारे मन में कूड़े-कचरे का ढेर, बहुत सारी गंदगी, अनेक प्रकार की बीमारियों की छवि आती है।
वर्तमान समय में यह पूरे दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। यह एक ऐसी समस्या है जो निरंतर बढ़ती ही जा रही है।
हमने प्रदूषण से जुड़ी बहुत सी बातों की जानकारी नीचे विस्तृत रूप में दिया है। प्रदूषण के कारण और उसके रोकथाम के उपाय पर भी हमने चर्चा किया है।
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध 10 लाइन में
- प्रदूषण का मतलब ही है किसी प्रकार की गंदगी।
- वे सभी कारक जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं प्रदूषण कहलाते हैं।
- प्रदूषण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं- जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण।
- किसी प्रकार का दूषित पदार्थ जब जल में मिलता है तो उसे जल प्रदूषण कहते हैं।
- किसी प्रकार की दूषित हवा जब वायु में मिलती है तो उसे वायु प्रदूषण कहते हैं।
- रासायनिक खाद और उर्वरकों के इस्तेमाल करने से मिट्टी दूषित होती है और उसकी उर्वरा शक्ति कम जाती हैं इसे ही मृदा प्रदूषण कहते हैं।
- मानव जीवन के लिए प्रदूषण बहुत बड़ा खतरा हैं।
- वाहनों, कारखानों आदि से निकलने वाली विषैली गैस हमारे पर्यावरण को अधिक क्षति पहुंचाते हैं।
- मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए पर्यावरण को स्वच्छ रखना जरूरी है।
- प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध 20 लाइन में
- वे सभी पदार्थ जो पर्यावरण को दूषित करते हैं, प्रदूषण कहलाते हैं।
- प्रदूषण आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है।
- प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है।
- जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि यह सब प्रदूषण के मुख्य प्रकार है।
- जब कोई दूषित पदार्थ जल में विलीन हो जाता है तो जल दूषित हो जाती है इसे ही जल प्रदूषण करते हैं।
- वाहनों, कारखानों से निकलने वाली दूषित और विषैली हवा हमारे पर्यावरण के वायुमंडल में मिल जाती है जिससे हवा दूषित हो जाते हैं।
- हम लोग खेतों में अधिक से अधिक अनाज को उपजाने में रासायनिक उर्वरक और खाद का इस्तेमाल करते हैं इससे मृदा प्रदूषण हो जाता है और उसके उर्वरा शक्ति कम जाती है।
- प्रदूषण के निरंतर बढ़ने का मुख्य कारण मनुष्य है।
- मानवीय गतिविधियों द्वारा प्रदूषण का स्तर पर्यावरण में अधिक तेजी से बढ़ रहा है।
- मानव के स्वार्थ के कारण ही पर्यावरण अपना महत्व निरंतर खोए जा रहा है।
- पर्यावरण प्रदूषण के निरंतर बढ़ने से जीव-जंतु का जीवन विनाश की तरफ जा रहा है।
- इसकी वजह से अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो रही है।
- शहरीकरण के कारण प्रदूषण लगातार बढ़ते जा रहा है।
- औद्योगिकरण के कारण जंगल काटे जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण काफी प्रभावित हो रहा है।
- इसके रोकथाम के लिए हमें जागरूक होना होगा।
- प्रदूषण के रोकथाम के लिए हमें जंगलों की कटाई बंद करनी होगी।
- पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने होंगे।
- ऐसे इंधन जो जलने के बाद पर्यावरण को दूषित करते हैं, उसका उपयोग कम से कम करना होगा।
- हमें वाहनों को चलाने के लिए जीवाश्म ईंधन से विद्युत इंधन की तरफ बनना चाहिए।
- अगर हम प्रदूषण के रोकथाम के लिए कुछ नहीं करते हैं तो हम अपने आने वाली अगली पीढ़ी के लिए स्वच्छ पर्यावरण नहीं दे पाएंगे।
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध 100 शब्दों में
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध :- प्रदूषण का अर्थ वैसे कारक से है जो पर्यावरण को किसी प्रकार से क्षति पहुंचाते हैं प्रदूषण कहलाते हैं।
प्रदूषण आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है। प्रदूषण का मुख्य कारण मानव द्वारा किए गए गतिविधियॉं हैं।
कूड़े कचरे को इधर-उधर फेंकना, दूषित पदार्थ को जल में विसर्जित करना, जंगलों की कटाई करना आदि मानवीय गतिविधियां है।
प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि। प्रदूषण के निरंतर बढ़ने के कारण अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती जा रही है।
वर्तमान समय में अनेक प्रकार की बीमारियों के कारण लोगों की मृत्यु हो रही है। हमें प्रदूषण के रोकथाम में अपना योगदान देना होगा,
हमें जंगलों को कटने से बचाना होगा, अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने होंगे। जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम से कम करना पड़ेगा।
पर्यावरण को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है। यदि हम पर्यावरण को स्वच्छ नहीं रखते हैं तो हमारी आने वाली अगली पीढ़ी के लिए यह अन्याय होगा।
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध 200 शब्दों में
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध :- वर्तमान समय में प्रदूषण मानव के लिए बहुत बड़ी समस्या है। मानव अनेक प्रकार के ऐसे कार्य कर रहे हैं जिससे पर्यावरण दूषित होता है।
जल, वायु, मृदा आदि में वैसे पदार्थ मिल जाते हैं जो पर्यावरण को दूषित करते हैं वे सभी प्रदूषण के अंतर्गत आते है। प्रदूषण जीव जंतु के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिदायक है।
इसके कारण अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होती हैं। यह रोग छोटी समस्या से लेकर मृत्यु तक का कारण बनती हैं।
प्रदूषण कई तरह के होते हैं- जब कोई हानिकारक पदार्थ जल में घुल जाते हैं और जल को दूषित कर देते हैं तो उसे जलप्रदूषण कहते हैं।
ऐसे ही गाड़ियों, कारखानों से निकलने वाली दूषित हवा हमारे पर्यावरण के वायुमंडल में मिल जाती है जो वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
जंगलों की कटाई और उसमें आग लगने के कारण भी पर्यावरण काफी प्रभावित होता हैं।
हम लोग अधिक से अधिक अनाज उगाने के चक्कर में रासायनिक उर्वरकों और खादों का उपयोग अधिक से अधिक मात्रा में करते हैं
जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने लगती है और वह मिट्टी एक दिन बंजर बन जाती हैं। ऐसे ही जो ध्वनि हमारे लिए उपयोगी नहीं होती है
उसे ध्वनि प्रदूषण के अंतर्गत रखा जाता है। ऐसे ही जल, वायु, मृदा प्रदूषिण होती जा रही है जो बहुत ही चिंता का विषय है।
हम लोगों को मिलकर प्रदूषण का निपटारा करना होगा। इसके रोकथाम के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे उगाने होंगे। पर्यावरण की स्वच्छता हमारा परम कर्तव्य है।
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध 500 शब्दों में
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध :- प्रस्तावना- प्रदूषण का नाम सुनते ही हमारे मन में कूड़े-कचरे का ढेर और बहुत तरह की गंदगी और बीमारियों की छवि बनती हैं।
प्रदूषण मानव के लिए सबसे बड़ी समस्या है। वर्तमान समय में पूरे विश्व की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण है। यह एक ऐसा समस्या है
जो कम होने के बजाय निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। इसके कारण बहुत सी समस्याएं उत्पन्न होती जा रही है। इसके कारण ही ग्लोबल वार्मिंग की समस्या हमारे सामने आई है।
प्रदूषण के निपटारे में बहुत से देशों की सरकार अपना योगदान दे रही हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाई जा रही है।
प्रदूषण क्या है?
प्रदूषण का अर्थ ही दूषित पदार्थों से हैं। वैसे सभी पदार्थ या तत्व जो पर्यावरण को हानि पहुंचाते हैं प्रदूषण कहलाते हैं।
यह मानव पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसके कारण पारिस्थितिकी तंत्र विधि प्रभावित होती है।
जो पदार्थ पर्यावरण को दूषित करते हैं उसे प्रदूषक कहा जाता है। प्रदूषक प्राकृतिक भी हो सकती है और मानवीय भी हो सकती है।
प्राकृतिक प्रदूषक के रूप में ज्वालामुखी द्वारा निकला राख को ले सकते है तो वही मानवीय प्रदूषक के रूप में प्लास्टिक को ले सकते हैं।
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प्रदूषण के प्रकार – वर्तमान समय में कई तरह का प्रदूषण उत्पन्न होते जा रहे हैं। जिनमें कई तरह के प्रदूषण का वर्णन निम्नलिखित है-
वायु प्रदूषण –
पर्यावरण में विद्यमान शुद्ध और साफ हवा में जब धुलकण, वाहनों द्वारा निकलने वाली दूषित गैस, कारखानों से निकलने वाली विषैली गैस आदि मिलती है
तो वह शुद्ध वायु को दूषित कर देती हैं, जो वायु प्रदूषण का कारण है। हमलोग जानते ही हैं कि स्वच्छ हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है,
पर दूषित हवा के कारण हमारा स्वास्थ्य खड़ाब हो रहा है। इससे अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है
जो हमारे छोटे रोग के साथ-साथ मृत्यु का कारण भी बनती है। जंगलों में आग लगना वायु प्रदूषण का मुख्य कारण में से एक हैं।
वायु को और अधिक दूषित होने से बचाने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने होंगे।
जल प्रदूषण –
जल प्रदूषण से हमारा अभिप्राय यह है कि नदी, तालाबों और झड़ना के जल का प्रदूषित होना। वे सभी पदार्थ जो जल को दूषित करते हैं, जल प्रदूषक कहलाते है।
मवेशियों द्वारा नदी-तालाबों में गाय-भैंसों को स्नान करवाना, नदी-तालाबों के साफ और शुद्ध जल में कपड़े धोना, किसी प्रकार की विषैली पदार्थ जल में विसर्जित करना आदि
जल प्रदूषण के मुख्य कारण है। इसके कारण हमारा भौमजल स्तर भी काफी कम हो चुका है। ऐसा ही रहा तो धरती से पीने लायक पानी खत्म हो जाएगी।
मृदा प्रदूषण –
मृदा प्रदूषण का मुख्य कारण रासायनिक उर्वरकों और खादों का अधिक मात्रा में उपयोग करना है।
रासायनिक उर्वरकों के अधिक मात्रा में उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है।
अधिक मात्रा में प्लास्टिक जैसे दूषित पदार्थ के उपयोग से भी मृदा प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रही है।
शहरीकारण और औद्योगिकरण के कारण भी मिट्टी प्रदूषित हो रही है।
औद्योगों से निकलने वाले वाली दूषित पदार्थ मृदा प्रदूषण का कारण हैं।
ध्वनि प्रदूषण –
ध्वनि प्रदूषण का तात्पर्य ऐसे प्रदूषण है जो हमारे आस-पास बहुत तेज और अनुपयोगी ध्वनि से है।
वाहनों, कारखाना, उद्योगो द्वारा निकलने वाली अनुपयोगी आवाज ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है।
ध्वनि प्रदूषण के कारण हमें बहुत-सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके कारण हम अपने सुनने की क्षमता खो सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक प्रदूषण –
किसी प्रकार की खराब टीवी, मोबाइल, रेडियो आदि इलेक्ट्रॉनिक प्रदूषक को इलेक्ट्रॉनिक प्रदूषण कहते हैं।
जब हम किसी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक सामान को वैज्ञानिक तरीके से निपटारा नहीं करते हैं तो वह जल, वायु, मृदा को प्रदूषित करता है। जो हमारे स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाता है।
प्रदूषण से होने वाली हानि :- प्रदूषण के कारण हमें अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे हमें अनेक प्रकार की हानि होती है जो निम्नलिखित है –
- इसके कारण हमारा प्राणवायु दूषित होता है।
- इसके कारण जल दूषित होते हैं।
- इसके कारण मिट्टी प्रदूषित होती है।
- यह हमारे स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाता है।
- इसके कारण अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है।
- यह पर्यावरण को दूषित करता है।
प्रदूषण कम करने के उपाय :- प्रदूषण हमारे बीच सबसे बड़ी समस्या है। इसको खत्म करने में बहुत से देशों की सरकार जुटी हुई है और निरंतर प्रयास कर रही है। इसके रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय हैं-
- कूड़े कचरे को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।
- खराब पदार्थ को नदी-तालाबों में नहीं फेंकना चाहिए।
- रासायनिक उर्वरकों का कम प्रयोग करना चाहिए।
- प्राकृतिक खाद का उपयोग बढ़ाना चाहिए।
- जंगलों की कटाई को रोकना चाहिए।
- अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना चाहिए।
Pollution Essay | प्रदूषण पर निबंध निष्कर्ष :-
प्रदूषण वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है। यदि इसी तरह प्रदूषण फैलता रहा तो हमारा जीवन काफी कठिन हो जाएगा। यह पानी, वायु, धूलकण आदि के माध्यम से ना केवल इंसान को बल्कि सभी जीव जंतु को नुकसान पहुंचाती है। हमें इसके रोकथाम के लिए हमे बहुत-सी गतिविधियां करने की जरूरत है। इसके रोकथाम के लिए हमें जागरूकता फैलाने की जरूरत है।